arvind pandey
देश की कमान सँभालते ही माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा नए भारत के निर्माण हेतु "स्वच्छ भारत अभियान" की शुरुवात की गयी। जो की वर्तमान समय में अति आवश्यक है। हमारी सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता है जिसमें सदियों पुरानी आदतों को बदलना है। स्वच्छता भौतिक ही नहीं वैचारिक भी होनी चाहिए। मेरा मानना है की वैचारिक शक्ति सर्वोपरि है। जिससे स्वच्छ भारत के संकल्प को बल मिलेगा एवं कार्यों की सिद्धि होगी।
यदि हम स्वच्छता को प्राथमिकता दें तथा स्वच्छता को ही सेवा माने तो स्वच्छ भारत की नींव पर ही स्वस्थ भारत और समृद्ध भारत का निर्माण होगा।
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः । न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥
आइये, "स्वच्छता ही सेवा" अभियान से भौतिक एवं वैचारिक रूप से जुड़े तथा भारत को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने में सामूहिक योगदान दे क्योंकि आम जनमानस के सहयोग से ही यह मिशन पूरा हो सकता है।
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