MLA in uttarakhand Arvind Pandey
अल्मोड़ा के स्कूल में फर्जीवाड़ा कर नियुक्त 10 शिक्षकों की नौकरी गई
राज्य सरकार की मंजूरी के बाद शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने इसके आदेश जारी कर दिए। शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी करने की पुष्टि की। इस कार्रवाई से अशासकीय स्कूलों में खासी हलचल है। इस स्कूल को दिया गया 20 लाख रुपये का अनुदान भी वापस लिया जा सकता है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जी प्रमाणपत्र या चयन प्रक्रिया में अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। अफसरों से कहा है कि यदि किसी स्तर पर नियम का उल्लंघन और गड़बड़ियां पाई जाएं तो तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए।
यह है मामलापूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान वर्ष 2014 में 174 अशासकीय स्कूलों को सरकार ने वित्तीय मान्यता दी थी। इनमें शिक्षक-कर्मियों के पद भी सृजित किए गए। वर्ष 2016 में इन स्कूलों को टोकन मनी देते हुए नियुक्ति करने की भी छूट दी गई थी। आर्य कन्या इंटर कालेज में प्रवक्ता के11 में 10 पदों पर प्रवक्ता नियुक्त किए गए। इन नियुक्तियों में धांधली और पद खरीदने का आरोप लगने पर तत्कालीन डीएम सविन बंसल ने जांच की। जांच में डीएम ने अनियमितता पाई। इसके बाद सरकार के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कुंवर ने अपर शिक्षा निदेशक-कुमाऊं से जांच कराई। दूसरी जांच में भी अनियमितता की पुष्टि हुई। पिछले दिनों निदेशक ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर निदेशक ने नियुक्तियों को रद्द कर दिया।
कई और स्कूलों पर भी गिर सकती है गाज
आचार संहिता के दौरान मनमानी नियुक्तियों की शिकायतों पर तत्कालीन अपर मुख्य सचिव शिक्षा डॉ. रणवीर सिंह ने नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी थी। आरोप है कि नए मानक तय होने के बावजूद कई स्कूलों ने पुराने नियमों पर भर्ती कर लीं। अपर मुख्य सचिव ने पूरे राज्य में अक्तूबर 2016 से अप्रैल 2017 के दौरान भर्तियों की जांच शुरू करा दी। सूत्रों के अनुसार कई स्कूलों में नियमों का पालन न होने व तकनीकी खामियों की पुष्टि हो चुकी है। इस रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
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